‘हम’ जैन समाज सेवी संगठन ने किया ‘गीत ने रीत’ सेमिनार

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‘हम’ जैन समाज सेवी संगठन की ओर से ‘गीत ने रीत’ विषय पर ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया। संगठन की संस्थापिका अध्यक्ष मंजुजी दिनेशजी लुंकड़ ने गीत ने रीत विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आने वाले वैवाहिक सीजन में युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति, रीति रिवाज से जोड़ने के उद्देश्य से इस सेमिनार का आयोजन किया गया। क्योंकि आधुनिक चंकाचैंध के चलते युवा पारम्परिक रीति रिवाजों से दूर होता जा रहा है। पाश्चात्य सभ्यता की झलक विवाह समारोह में देखने को मिल रही है। पाश्चात्य चकाचैंध व समय की कमी के चलते तथा परिवारों का स्वरूप छोटा होने के कारण विवाह समारोह का स्वरूप भी दो दिन में सिमट गया है।

लुंकड़ ने बताया कि हम जैन समाज सेवी संगठन अब अखिल भारतीय स्तर तक पहुंच चुका है। शीघ्र ही देश के कई हिस्सों में शाखाएं भी खोली जाएंगी और नए पदाधिकारियों को संगठन से जुड़ने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान है हमारे रीति रिवाज, आओ उच्चारित करें संस्कृति की आवाज, सूरज के उूबने से पहले कभी नहीं होती रात, आओ संस्कृति बचालें पहले, ताकि बिगड़ न जाए कोई बात। सेमिनार के दौरान वीनूजी लूणिया ने कहा कि संयुक्त परिवारों के विघटन व एकल परिवारों के चलन के कारण आज कई परिवारों को रीति रिवाजों की जानकारी नहीं रही है। मंजुजी मेहता ने कहा कि पाट बिठाई कैसे होती है ये जानकारी भी गीत ने रीत नामक पुस्तक से हो रही है।

सुनीताजी धोका ने कहा कि जिस घर में बड़े बुजुर्ग नहीं हैं वहां ऐसी समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। 4 वर्षों में कई सारे प्रोजेक्ट इस ग्रुप में करके बताएं हैं। केंसर डिटेक्शन केंप मुख्य भूमिका है। राखीजी विमलजी गादीया ने बताया कैंसर किन-किन चीजों से होता है और उससे कैसे बचा जा सकता है कैसे अपना स्वास्थ्य अच्छा रखना चाहिए और जब जब भी कैंसर कैंप लगते हैं तब सभी महिलाओं की निःशुल्क जांच की जाती है। इसी दौरान संगीताजी दूधेडिया ने मंजूजी को जन्म दिन की शुभकामनाएँ दी एवं संस्था के 5 वर्ष के अनुभव बताते हुए सेवा का महत्व बताया। उषाजी नाहर ने बताया कि इस ग्रुप को चलाने में कितनी कठिनाईयाँ आई और उनका सामना करते हुए कैसे काम किए जाते हैं, यह हम मंजुजी से सीखने को मिलता है।

एकताजी जैन ने ‘गीत ने रीत’ ऑनलाइन सेमिनार को आज के युग में बहुत प्रासंगिक बताया। इसका उपयोग आने वाले वैवाहिक सीजन में किया जा सकेगा। इस सेमिनार का सूत्र संचालन सुमित्राजी बरड़िया ने बहुत ही सुंदर तरीके से किया मंगलाचरण गायक संदीपजी बरडिया ने किया।
सेमिनार में हैदराबाद से दिव्याजी जैन, नीतूजी जैन, चेन्नई से कल्पनाजी जैन, हुबली से वसंताजी जैन, चेन्नई से दीपिकाजी खाबिया, नीतूजी नौलखा, सोनियाजी पालीपेट, बेंगलूरु से दमयंतीजी बोहरा, सिकंद्राबाद, मैसूर, मण्ड्या, वेल्लूर, वानियमबाड़ी, मुंबई, राजस्थान आदि क्षेत्रों से 362 महिलाओं ने इस सेमिनार में भाग लिया।

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