ऊँची सोच एवं संघ समर्पणा के साथ जिनशासन की सेवा में तत्पर
कुशल नेतृत्व क्षमता एवं उदार हृदय के धनी, अनमोल रत्न गौतमचंदजी मुथा
शूरवीरों एवं भामाशाह की जननी राजस्थान की पावन धरा में गुडा रामसिंह
के प्रतिष्ठित मुथा परिवार के धर्म निष्ठ सुश्राविका स्व. बक्तावरमलजी – सुशीलाबाई मुथा के सुपुत्र बेंगलूरु निवासी गौतमचंदजी मुथा जिनशासन की सेवा में तन, मन, धन और अनमोल समय समर्पित सक्रिय योगदान प्रदान कर रहे हैं।
गौर वर्ण, आकर्षक देहयष्टि एवं मनमोहक व्यक्तित्व के धनी गौतमचंदजी मुथा सबके प्रिय हैं, सबके चहेते हैं। उनका हँसमुख स्वभाव हर व्यक्ति को उनसे मित्रता करने हेतु आकर्षित करता है। ये सभीसे मिलनसार, स्पष्टवादी एवं निर्भीक स्वभावी हैं। इनका अतिथि सत्कार कभी भूल नहीं सकते। उनका हँसी मजाक करने का स्वभाव वातावरण को प्रसन्नता से सराबोर कर देता है। ये सबको आदर देते हैं और सब इनका आदर करते हैं।
आप सबका उत्साहवर्धन करते हैं। आपका मानना है कि भगवान ने सक्षम बनाया है तो हमारा कर्तव्य है कि हम भी सबको आगे बढ़ायें। इसीमें संघ और समाज की उन्नति है। यही सुखी समाज के निर्माण का मूल मंत्र है।
गौतमचंदजी मुथा का जन्म सकलेशपुर, कर्नाटक में हुआ। तेरापंथ संघ के समर्पित एवं प्रतिष्ठित आपके दादोसा श्रेष्ठीवर्य स्व. थानमलजी मुथा ने आज से लगभग 80 वर्ष पूर्व सकलेशपुर में कॉफी प्लांट का बागान प्रारंभ किया जिसने कॉफी के व्यापार जगत में बड़ी प्रतिष्ठा अर्जित की। आपने इलायची के थोक व्यापार में भी बहुत यश कमाया। थानमलजी के सुपुत्र बक्तावरमलजी मुथा ने व्यापार को सफलता के नए शिखर पर पहुँचाया। आप कॉफी प्लांट्स मालिकों की एसोसिएशन, हासन जिला के चेयरमैन भी रहे। व्यवसाय में और विशेष अभिवृद्धि हेतु आपने सन् 1969 में यशवंतपुर, बेंगलूरु में कपड़े का शोरुम प्रारंभ किया जो आपकी अपनी कुशल व्यवसायिक क्षमता से यशवंतपुर के अग्रणी शोरुम के रुप में प्रतिष्ठित हो गया।
गौतमचंदजी मुथा की प्रारंभिक शिक्षा यशवंतपुर में हुई। आपने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भारत भर में सुप्रसिद्ध राणावास के छात्रावास में मैट्रिक की पढ़ाई पूर्ण की।
अध्ययन में आगे रहने के साथ ही खेलों में भी विशेष रुचि रखते थे और छात्रावास में स्पोर्ट्स में फुटबॉल, डिस्कस थ्रो एवं रनिंग रेस में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे।
पढ़ाई पूर्ण कर के सन् 1976 से आप यशवंतपुर में व्यवसाय में संलग्न हो गए और आपने मीनाक्षी टेक्सटाईल्स के नाम से कपड़े एवं गार्मेंट्स का शोरुम प्रारंभ किया।
अपने मधुर व्यवहार एवं व्यवसायिक कुशलता से आप निरंतर सफलता प्राप्त करते रहे। आपने और नए शोरुम Twinkle, Twinkle NX, Meenakshi प्रारंभ किए जो व्यवसाय में सफलता का ध्वज फहरा रहे हैं।
गौतमचंदजी मुथा का विवाह राजस्थान में भैसाणा जिला पाली – मारवाड़ के प्रतिष्ठित स्व. जीवराजजी – स्व. सायरबाई संचेती की गुणवान सुपुत्री दमयन्तिबाई के साथ संपन्न हुआ। आपके सालाजी नथमलजी, किशनलालजी, महावीरचंदजी संचेती चेन्नई में निवास कर रहे हैं।
‘यथा नाम तथा गुण’ दमयन्तिबाई मुथा मधुर भाषी, अत्यंत विनम्र व्यवहार की धनी एवं अतिथि सत्कार में अग्रणी हैं। धर्म संघ के प्रति रग रग में श्रद्धा भाव समाया हुआ है। गौतमचंदजी एवं दमयन्तिबाई मुथा की सुहानी जोड़ी अपने मीठे व्यवहार से सबको प्रमुदित करती है। गौतमचंदजी मुथा युवा अवस्था से ही ऊँची सोच एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी रहे हैं। अपनी मिलनसारिता, मधुर भाषिता, विनम्रता एवं उदारता वृत्ति से आपने समाज में बड़ी प्रतिष्ठा अर्जित की।
साथ ही आपने स्थानीय नागरिकों, बड़े राजनेताओं एवं उच्च अधिकारियों के साथ भी आत्मीयतापूर्ण संबंध स्थापित किए।
आप में धर्म के प्रति प्रगाढ़ श्रद्धा एवं सेवा भावना रग रग में समायी हुई है। आपके बड़े भ्राता – भाभी स्व. मदनराजजी – पुष्पाबाई मुथा एवं अनुज अनुज वधु महावीरचंदजी – मुथा का असीम स्नेह भ्रातृ प्रेम की परम्परा का संवाहक है। आपके बहन बहनोई स्व. सुकनीबाई – स्व. सुकनराजजी गादिया चिकमगलूर, शांतिबाई – स्व. भंवरलालजी गादिया चिकमगलूर एवं रायपुर, स्व. लीलाबाई – लालचंदजी गादिया मुंबई, आशाबाई – स्व. सम्पतराजजी संचेती बेंगलूरु एवं पद्माबाई – स्व. केवलचंदजी बांठिया का परिवार के.जी.एफ. निवासी है।
गौतमचंदजी – दमयन्तिबाई मुथा के तीन पुत्र विनोदजी, प्रमोदजी एवं विकासजी अत्यंत संस्कारवान हैं और तीनों ही तेरापंथ युवक परिषद में अपनी सक्रिय सेवाएँ दे रहे हैं। विनोदजी का विवाह चेन्नई निवासी किशनलालजी चोपड़ा की सुपुत्री टिंकलजी के साथ संपन्न हुआ। प्रमोदजी का विवाह यशवंतपुर बेंगलूरु निवासी मदनराजजी बरड़िया, की सुपुत्री प्रीतिजी के साथ संपन्न हुआ एवं विकासजी का विवाह चिकमगलूर निवासी स्व. अमरचंदजी गादिया की सुपुत्री लाड़लीजी के साथ संपन्न हुआ। तीनों बहुएँ धर्म संघ की सेवा में अग्रणी रहती हैं।
विनोदजी मुथा गाँधीनगर तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद पर रहे हैं और वर्तमान में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद में राष्ट्रीय छात्रावास प्रभारी के रुप में धर्म संघ को अमूल्य सेवाएँ दे रहे हैं।
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा यशवंतपुर द्वारा आपको कर्मठ कार्यकर्ता के अलंकरण से सम्मानित भी किया गया है। लाड़लीजी विकासजी मुथा भी तेरापंथ महिला मंडल यशवंतपुर के मंत्री पद का दायित्व सुचारु रुप से निर्वहन कर रही हैं। आपके तीन पौत्रियाँ संस्कृति, टिशा, रितु एवं पौत्र हितेन, ईशान, विराट सुसंस्कारवान, प्रतिभाशाली एवं सबके प्रिय हैं। मल्लेश्वरम, बेंगलूरु के विधायक, पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. अश्वथनारायणजी आपके अत्यंत घनिष्ठ हैं। गौतमचंदजी मुथा भारतीय जनता पार्टी के मल्लेश्वरम क्षेत्र के मंडल उपाध्यक्ष हैं। पूर्व में भी आप वार्ड अध्यक्ष एवं अन्य पदों पर रहते हुए पिछले 20 वर्षों से भाजपा में सक्रिय हैं।
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का बेंगलूरु एयरपोर्ट
पर स्वागत करते हुए भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष गौतमचंदजी मुथा
संघ सेवा में भी अग्रणी हैं गौतमचंदजी मुथा
आप अभी वर्तमान में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा यशवंतपुर के अध्यक्ष पद का गौरवशाली दायित्व निर्वहन करते हुए अपनी उल्लेखनीय सेवाएँ समर्पित कर रहे हैं एवं पूर्व में दो बार मंत्री पद को भी सुशोभित किया है। आचार्यश्री महाश्रमणजी के बेंगलूरु चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति में उपाध्यक्ष पद एवं भोजन व्यवस्था समिति में अग्रणी रहकर गौतमचंदजी मुथा ने समर्पित सेवाएँ दी और अर्थ व्यवस्था में विपुल विसर्जन किया। युवा उम्र में ही आप तेरापंथ युवक परिषद गाँधीनगर से जुड़ गए और तेयुप के संगठन मंत्री के रुप में संघ के प्रति दायित्व प्रारंभ किया। तत्पश्चात आप तेरापंथ सभा गाँधीगनर के संगठन मंत्री बने। तेरापंथ सभा ट्रस्ट गाँधीनगर के अध्यक्ष पद का महत्वपूर्ण दायित्व निर्वाह किया और उस समय चारित्र आत्माओं श्री अर्थमुनिजी आदि ठाणा एवं श्री कमलमुनिजी आदि ठाणा के यशस्वी रुप से चातुर्मास संपन्न होने में सुचारु रुप से कर्तव्य निभाया। संघ के गौरवशाली ‘आचार्य भिक्षु समाधि स्थल, सिरियारी
संस्थान’ में अध्यक्ष सुप्रसिद्ध समाजसेवी मूलचंदजी नाहर के साथ मंत्री पद पर रहकर अविस्मरणीय सेवाएं प्रदान की।
आप भिक्षु धाम में ट्रस्टी हैं और यहाँ सहमंत्री व उपाध्यक्ष पद का भी उत्तरदायित्व संभाला। आप आचार्य तुलसी महाप्रज्ञ चेतना केन्द्र के भी ट्रस्टी हैं । साथ ही जैन समाज एवं अन्य समाज की अनेक संस्थाओं में दायित्व निर्वाह करते हुए अपनी समर्पित सेवाओं एवं उदार हृदय से आप महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं । मानव सेवा एवं साधर्मिक बंधुओं के उत्थान हेतु आगे रहते हैं। दूसरों को भी बढ चढकर प्रेरणा और प्रोत्साहन देते हैं ।
जैन समय ‘अनमोल रत्न’ हैं गौतमचंदजी मुथा
जैन समय के ‘अनमोल रत्न’ गौतमचंदजी मुथा की रग – रग में जैन धर्म की प्रभावना की प्रबलतम भावना है। जैन समय के विश्व व्यापी धर्मप्रचार अभियान को गति देने हेतु आपने जैन समय के स्तंभ सहयोगी बनकर हमारे उत्साह को अनेक गुणा बढ़ाया है। हम मुथा परिवार के लिये सर्वसुखमय जीवन की यशस्वी मंगलकामनायें करते हुए शत शत आभार प्रदर्शित करते हैं ।