रमेशजी हरण

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Ramesh Haran

जिनशासन के सितारे हैं विराट व्यक्तित्व के धनी ‘रमेशजी हरण’

‘हर एक के जीने सेका अलग अंदाज होता है, हर एक व्यक्ति का अपना अरमान होता है। अपने साथ ही रखता है दूसरों का भी ख्याल, वही इंसान दुनियाँ में सबसे खास होता है।’

ऐसे एक विशिष्ट एवं विराट व्यक्तित्व के धनी हैं राजस्थान के जालोर जिले में ‘भीनमाल’ नगर के सपूत, बेंगलूरु निवासी सुप्रसिद्ध श्रेष्ठिवर्य रमेशजी हरण। महान संस्कृत कवि ‘माघ’ एवं गणित खगोल विज्ञानी ‘भिल्लमाल आचार्य’ की जन्म भूमि भीनमाल नगर के श्रेष्ठिवर्य सांकलचंदजी श्रीमती धोपीबाई हरण के सुपुत्र रमेशजी हरण बचपन से ही विशिष्ट प्रतिभा के धनी है। धार्मिक संस्कार उन्हें बाल्यकाल से ही मिलते रहे जो वर्तमान में भी एक प्रबल शक्ति की तरह उनके साथ हैं। अपनी शिक्षा पूर्ण कर उन्होंने भीनमाल में अपने पिताश्री के व्यवसाय में जुड़कर उसे आगे बढ़ाया। उनके मन में उन्नति की नई ऊँचाईयों पर पहुँचने की तीव्र इच्छा थी। जिसके फलस्वरूप वे 1987 में अपने पूरे परिवार के साथ कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में आ गए और उन्होंने यहाँ पर ऑटो पार्ट्स का व्यापार प्रारम्भ किया। अपनी व्यवहार कुशलता, ईमानदारी एवं लगन से उन्होंने अपने व्यवसाय को कुछ ही वर्षों में उन्नति के शिखर पर पहुँचा दिया। श्रेष्ठ सेवा एवं गुणवत्ता के बलबूते उनका ब्राण्ड ‘एन.वी. प्लस’ दुपहिया वाहनों के पार्ट्स के क्षेत्र में प्रसिद्ध एवं श्रेष्ठता का पर्याय बन गया। आपकी धर्मपत्नी सुखीदेवी हरण ‘यथा नाम तथा गुण’ है। आप अनेक महिला संगठनों से जुड़ी हुई है और उदार हृदय से सहयोग करने में अग्रणी है।

आपके सुपुत्र सुमीतजी हरण इंजीनीयर हैं जिन्हें आधुनिक तकनीक में महारथ हासिल है। उनकी अपनी कम्पनी है जिसकी तकनीकी क्षेत्र में बड़ी ख्याति है। आपकी बड़ी सुपुत्री नीतू जैन डॉक्टर है जिन्होंने अपनी कार्य कुशलता से विशेष प्रतिष्ठा अर्जित की है। आपकी छोटी सुपुत्री करिश्मा एक वकील होने के साथ ही सुगृहिणी भी है। आपके सात पौत्र पौत्री व दौहित्र दौहित्री हैं। आपके हृदय में जिनशासन के प्रति समर्पण की भावना कूट कूटकर भरी हुई है। आप अनेक सामाजिक एवं समाज सेवी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। जिनमें से कुछ हैं- श्रमण आरोग्यम् डायरेक्टर जीतो एपेक्स 2016- 2018 अध्यक्ष अखिल भारतीय तपोगच्छीय त्रिस्तुतिक जैन संघ, कर्नाटक ट्रस्टीः भगवान महावीर जैन हॉस्पीटल ट्रस्टीः श्री नवरत्नधाम तीर्थ पालीताणा ट्रस्टी श्री राजेन्द्रसूरि गुरु मंदिर, चेयरमेन भीनमाल जैन संघ, बेंगलुरु संस्थापक ऑल इंडिया जैनिज्म कोर्सेस ट्रस्टी गुणवर्धक श्वे. मू.पू. संघ, बेंगलूरु

मानव सेवा एवं जीवदया के लिए आपके हृदय में अजस्त्र निर्झर प्रवाहित होता है। प्राणी रक्षा के लिए आप उदार हृदय से सहयोग करने में अग्रणी है। साधर्मिक बंधुओं के उत्थान की भावना आपमें रोम रोम में समायी हुई है। आप जरूरतमंद बंधुओं की सहायता में सदैव तत्पर रहते हैं। देव, गुरु, धर्म के प्रति आपके हृदय में अटूट श्रद्धा की भावना है। गुरु भगवंतों की वैयावच्च हेतु आप तन मन धन से सदैव तैयार रहते हैं।

श्री शंखेश्वर महातीर्थ में श्री राजेन्द्रसूरि विश्व मंगल धाम

गुजरात के शंखेश्वरजी महातीर्थ में निर्मित श्री राजेन्द्रसूरि विश्व मंगल धाम जैन मंदिर एवं धर्मशाला की स्थापना रमेशजी हरण द्वारा आचार्य श्री हेमेन्द्रसूरिजी के आशीर्वाद एवं साध्वी श्री मणिप्रभाश्रीजी के मार्गदर्शन में सन् 2010 में की। रमेशजी हरण के सौभाग्य ने चरम ऊँचाईयों को छुआ जब उन्हें शंखेश्वर महातीर्थ के बड़े मंदिरजी के पास जिनालय बनाने के लिए जमीन मिली। रमेशजी हरण तन मन धन से समर्पित होकर जिनालय और धर्मशाला बनाने में जुट गए तथा सन् 2012 में श्री राजेन्द्रसूरि विश्व मंगल धाम की भव्य प्रतिष्ठा हुई जो उनके धर्ममय जीवन की एक बड़ी उपलब्धि है। उनकी धर्मपत्नी एवं उनके पुत्र उन्हें जिनशासन की प्रभावना के कार्यों में उत्साह के साथ समर्पित होकर सहयोग करते हैं।

जैन समय ‘अनमोल रत्न’ हैं रमेशजी हरण

विराट व्यक्तित्व के धनी, जैन जगत की शान, उदारमना, मिलनसार जैन समय के ‘अनमोल रत्न’ रमेशजी हरण की रग-रग में जैन धर्म की प्रभावना की प्रबलतम भावना है। इसी भावना से आप जैन समय के विश्व व्यापी धर्मप्रचार अभियान को गति देने हेतु जैन समय के स्तंभ सहयोगी बने हैं। आपका मानना है कि जैन धर्म का पूरे विश्व में विशाल स्तर पर प्रचार प्रसार होना चाहिये। ‘जैन समय’ के विश्वव्यापी स्तर पर जैनत्व के प्रचार प्रसार एवं समग्र जैन समाज को एक दूसरे के साथ जोड़ने के लक्ष्य से आप बहुत प्रभावित हुये। और हमारे स्तंभ सहयोगी बने। जैन समय के स्तम्भ सहयोगी बनकर आपने हमारे उत्साह को अनेक गुणा बढ़ाया है। आपके उदार सहयोग से जैन समय द्वारा सकल जैन समाज को नई Connectivity, Worldwide Unity एवं Information के महाअभियान को बड़ी शक्ति मिलेगी। हम आपके पूरे परिवार के लिये आरोग्यमय, धर्ममय, सर्व सुखमय जीवन की यशस्वी मंगलकामनायें करते हुए शत शत आभार प्रदर्शित करते हैं।