राजकुमारजी पटवा

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मिलनसारिता और मधुर व्यवहार से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं होसूर के राजकुमार

युवा वर्ग के उदीयमान सितारे, अनमोल रत्न राजकुमारजी पटवा

उठो, जागो और तब तक लगे रहो जब तक सफलता के शिखर पर नहीं पहुँच जाते की निरंतर परिश्रम एवं मधुर व्यवहार अपने लक्ष्य तक शीघ्र पहुँचा देता है।

प्राकृतिक संपदा से भरपूर भारत की हरित भूमि, जहाँ जन जन में सरलता, विनम्रता एवं मिलनसारिता का वास है ऐसे मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के कंजार्डो गांय, जिता नीमच के धर्म निष्ठ आवक रत्न स्व. श्री बहादुरमलजी धर्म निष्ठ सुश्राचिका मदनबाई पटवा के सात पुत्र प्रकाशचंदजी, डॉ. नरेन्द्रकुमारजी, अशोककुमारजी, सुनीलकुमारजी, विपिनकुमारजी, बीरेन्द्रकुमारजी, राजकुमारजी पटवा जिनशासन की प्रभावना में अग्रसर हैं। सबसे छोटे सुपुत्र राजकुमारजी पटवा व्यवसायिक क्षेत्र में सफलता का ध्वज फहराने के साथ ही सामाजिक, धार्मिक कार्यों में सहयोग कर युवा वर्ग के लिए एक आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं। आपके सबसे बड़े भ्राता जैन सिद्धांतों के प्रकांड विद्वान, तत्वान्न सुश्रावक मास्टरजी प्रकाशचंदणी पटवा बेंगलुरु में जन जन में ज्ञान का प्रकाश फैलाने में अग्रणी भूमिका निर्वाह की। कर्नाटक स्वाध्याय संघ की के निर्माण में आपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। होसूर में भी श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के गठन में पटवा परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। करीब चार दशक पूर्व आपके भाईयों ने बेंगलूरु की व्यवसायिक उन्नति को देखकर बेंगलूरु में आने का निर्णय लिया और यह निर्णय पटवा परिवार को उन्नति के शिखर पर उखसर करने में सार्थक सिद्ध हुआ। राजकुमारजी पटवा ने पैतृक गांव कंजार्ड में अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात माध्यमिक शिक्षा मरुधर केसरी जैन छात्रावास जैतारण, मरुधर केसरी जैन अत्रावास राणावास से प्राप्त की। श्री जवाहर विद्यापीठ कानोह से उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने पश्चात बिजयनगर में स्नातक की पढ़ाई पूर्ण की। आप अध्ययन के साथ ही खेल कूद में भी रुचि रखते थे। आप स्पोर्टस में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे। आन से करीब 37 वर्षों पूर्व आप बेंगलूरु में व्यवसाय करने के उद्देश्य से पधारे। उस समय बेंगलूरु की सीमा के पास होसूर तमिलनाडु के उभरते हुए विकास एवं व्यापार की बड़ी संभावनाओं को दूरवर्शिता पूर्वक ध्यान में रखकर आपने होसूर में व्यवसाय प्रारंभ करने का निश्चय किया। वहाँ पर सब भाईयों ने मिलकर प्रकाश इलेक्ट्रिकल्स के नाग से प्रतिष्ठान प्रारंभ किया जी आप लोगों की मिलनसारिता एवं लगन से शीघ्र ही सफलता की मंजिल पर बढ़ता गया। इससे उत्साहित होकर होसूर नगर के प्रमुख व्यवसायिक क्षेत्र बोस बाजार में एक और नया प्रतिष्ठान प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स प्रारंभ किया। उसकी सफलता के पश्चात यहाँ प्रकाश ट्रेडर्स नाम से शोरुम प्रारंभ किया, जो होसूर का एक विख्यात प्रतिष्ठान बन गया है।

आपका परिवार गौ रक्षा का प्रबल पक्षधर है। अखित कर्नाटका प्राणी दया संघ की स्थापना में बड़े भ्राता मास्टरजी प्रकाशचंदजी पटवा की बड़ी भूमिका रही। राजकुमारजी पटवा बचपन से ही अपने माता पिता से धार्मिक सुसंस्कारों को प्राप्त कर प्रतिभाशाली रहे हैं। राजकुमारजी का विवाह वीर भूमि मेवाड़ ने मदारिया क्षेत्र के शिवपुर नगर के श्रेष्ठिवर्य स्व. रंगलालजी विदुषी श्रविका कमलाबाई गन्ना की सुपुत्री एवं बेंगलूरु निवासी गौतमचंदजी, महावीरचंतजी गन्त्रा की बहन उषाजी के साथ संपन्न हुआ। उपाजी बहुत मिलनसार, मधुर भाषी एवं कुशल व्यवहार की धनी है। आपके चेहरे पर सत्ता प्रसन्नता राज करती है आवभगत एवं अतिथि सत्कार में अत्यंत निपुण उपाजी पटवा त्रिशला मंहिला मंडल होसूर से जुड़े हुए हैं। राजकुमारजी पटवा अनेक सामाजिक संस्थाओं एवं समाजसेवी संस्थाओं के सहयोगी हैं। आप श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, होसूर एवं लायंस क्लब से जुड़े हुए हैं। आपका परिवार मध्यप्रदेश के दिग्गज राजनेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलालजी पटवा का अत्यंत नजदीकी भाईपा परिवार है। आपके बहन बहनोई स्नेहलताजी – सागरमलजी सोनी कृष्णागिरी, सुचिताजी माननलजी फांफरिया भावगढ़, स्व. ललिताजी पारसमलजी दक बेगूँ, प्रमिलाजी- दीपककुमारजी मोगरा बड़ी सादड़ी, सीमाजी विनोदकुमारजी बायत सूरत, संतोषजी भरतकुमारजी कंठालिया अहमदाबाद है।

आपके सुपुत्र रजतजी पटया जैन नवयुवक मंडल होसूर के सक्रिय सदस्य हैं। आपके सुपुत्र रजतजी पटवा MBA का शुभ विवाह रतलाम – इंदौर के सुप्रसिद्ध बेष्ठिवर्य मणिलालजी पिरोदिया की सुपौत्री एवं प्रदीपजी संगीताजी पिरोदिया की गुणवान सुपुत्री देवांशीजी MBA के साथ संपन्न हुआ।

आपकी सुपुत्री रितुजी MBA का शुभ विवाह बेंगलुरु के सुप्रसिद्ध डॉक्टर प्रकाशचंदजी विमलाबाई मुणोत के सुपुन चार्टर्ड एकाउंटेंट जयराजनी (यशजी) मुणोत के साथ अभी कुछ समय पूर्व ही सुसंपन्न हुआ है। धर्मनिष्ठ, सुसमृद्ध, उच्च शिक्षित पटवा परिवार जिनशासन का गौरवशाली परिवार है।

राजकुमारजी पटवा हँसमुख एवं आकर्षक व्यक्तित्व के धनी है। मिलनसारिता व मधुर भाषिता आपका स्वभाव है। सबके साथ प्रेम पूर्ण व्यवहार आपकी विशेषता है। आपका अत्यंत प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ मैत्री संबंध हैं। आपने अपनी व्यवहार कुशलता एवं निष्ठा से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं रियल एस्टेट क्षेत्र में विशेष प्रतिष्ठा अर्जित की है। आपका मानना है कि आज की युवा पीढ़ी को आधुनिकता के साथ ही अपने जैन धर्म के सर्वोपरि संस्कारों को भी जीवन में सबसे आगे रखना चाहिए। धन में वृद्धि के साथ धर्म में भी वृद्धि का प्रयास करते रहें।

जैन समय ‘अनमोल रत्न’ राजकुमारजी पटवा जैन समय के ‘अनमोल रत्न राजकुमारजी पटवा की रग-रग में जैन धर्म की प्रभावना की प्रबलतम भावना है। जैन समय के विश्व व्यापी धर्मप्रचार अभियान को गति देने हेतु आपने जैन समय के स्तंभ सहयोगी बनकर हमारे उत्साह को अनेक गुणा बढ़ाया है। हम पटवा परिवार के लिये सर्वसुखमय जीवन की यशस्वी मंगलकामनायें करते हुए शत शत आभार प्रदर्शित करते हैं।

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