मणिकचन्दजी बलदोटा

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Manikchand Baldota

शून्य से शिखर पर परचम फहराने की अनुपम मिसाल एम.सी. बलदोटा

आत्म विश्वास एवं अद्भुत निर्णय क्षमता के धनी माणिकचंदजी बलदोटा

वीर भूमि राजस्थान की व्हाली नगरी पाली जिला के अंर्तगत कांठा प्रांत के सुप्रसिद्ध ग्राम सिरियारी के मूल निवासी सरलमना धर्मनिष्ठ, सेवाभावी मिलनसार स्वर्गीय श्रीमान गेंदालालजी स्व. श्रीमती सायरदेवी बलदोटा के सुपुत्र सुपुत्रवधु श्री माणिकचंदजी श्रीमती मैना बलदोटा जिनशासन के समर्पित, मिलनसार एवं उदारमना धर्मनिष्ठ दंपत्ति हैं। बेंगलुरु में M.C. Baldota के नाम से सुप्रसिद्ध श्री माणिकचंदजी बलदोटा का जन्म 1960 में सिरियारी में हुआ। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी माणिकचंदजी की प्राथमिक शिक्षा हिन्दी माध्यम में सिरियारी के राजकीय विद्यालय में हुई। आप अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम स्थान पर रहते हुए सभी शिक्षकों के प्रिय विद्यार्थी रहे। 1973 में आप कर्नाटक के मण्ड्या जिले के मलवल्ली कस्बे में दसवीं तक की पढ़ाई अंग्रजी माध्यम में की यहाँ आपने कन्नड़ भाषा भी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। कन्नड़ भाषा में पारंगत होने के कारण आपने आगे चलकर रियल एस्टेट के व्यापार में अपनी धाक जमाई। 1975 में आप बेंगलूरु आ गए और यहाँ विजया कॉलेज में B.Com की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात आपने LLB, CA, एवं MBA की डिग्रियों प्राप्त की। अत्यंत प्रतिभा के धनी माणिकचंदजी बलबोटा ने 1984 में M.C. Baldota & Co. के नाम से Auditors & Tax Consultants फर्म का शुभारंभ किया। छोटी उम्र से ही बड़ी सोच एवं नैतृत्व क्षमता के गुणों के कारण आप कई सामाजिक संस्थाओं के उच्च पदों पर रह कर समाज सेवा में सदा अग्रणी रहे हैं। युवा वय में ही आप राजस्थान समाज के सहमंत्री, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष एवं तेरापंथ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष, तेरापंथ प्रोफेशनल फॉरम के अध्यक्ष रहे। वर्तमान में तेरापंथ प्रोफेशनल फॉरम के राष्ट्रीय ट्रस्टी के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। आप जीतो के FCP मेम्बर के रूप में जुड़कर जीतो मेनेजिंग कमेटी के सदस्य के रूप में सक्रिय हैं। आपका विवाह 1986 में बेंगलोर में सुप्रसिद्ध ‘मेहता लाईट्स’ के मालिक एवं व्यावर राजस्थान मूल के ख्यातिप्राप्त मोखमसिंहजी-संतोषकंवर मेहता की गुणवान सुपुत्री मैना के साथ संपन्न हुआ। विशिष्ठ प्रतिभा की धनी मैनाजी ने एम. कॉम की परीक्षा में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। आप कोटा, राज. में जे.डी.वी. महाविद्यालय में प्राध्यापिका रही। विवाह के पश्चात भी आपने अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाया आपने 1987 में बेंगलूरु में रेजिडेंसी रोड़ ब्रांच में भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ता के रूप में अपना बीमा व्यवसाय प्रारंभ किया। आपने बेंगलूरु डिविजन में लगातार 20 वर्षों तक प्रथम स्थान अर्जित किया एवं South Central Zone में भी अनेक बार सर्वोच्च स्थान पर रहे। आपने 25 बार USA की MDRT सदस्यता हासिल की एवं तीन बार COT के लिए Qualify हुए जो कि MDRT का तीन गुना है। श्रीमती मैनाजी बलदोटा ने LIC में अपनी कीर्ति पताका पूरे भारत व दुनिया में फहरायी। आपने अपने पति के ऑडिटिंग फर्म एवं विभिन्न व्यापार में हर कदम पर पूरा साथ दिया। आप एक सफल गृहिणी, कुशल वक्ता होने के साथ ही समाजसेवा में भी अग्रणी है। आपका सुपुत्र अभिषेक बलदोटा भी अत्यंत प्रतिभा का यनी है। B.Com, LLB एवं MBA उत्तीर्ण करने के पश्चात अभिषेक बलदोटा CA इंटर उत्तीर्ण कर अपने पिता की Auditors & Tax Consultants फर्म M.C. Baldota & Co. में कुशल रूप से कार्य संचालित करने के साथ ही अपने पिताश्री के रियल एस्टेट व्यवसाय को भी ऊँचाईयाँ प्रदान कर रहे हैं। अभिषेकजी का विवाह राजस्थान में जाणुंदा के मूल निवासी एवं बेंगलुरु के सुप्रसिद्ध नाहर परिवार के संगीताजी दिनेशजी मदनराजजी नाहर की सुपुत्री विनीता (CA) के साथ 2017 में संपन्न हुआ। आपकी सुपुत्री श्वेता का परिणय हैदराबाद के प्रतिष्ठित व्यवसायी महेन्द्रचंदजी प्रवीणाजी भंडारी के सुपुत्र रौनकजी भंडारी के साथ 2014 में संपन्न हुआ। शून्य से शिखर पर पहुँचे माणिकचंदजी बलदोटा का जीवन युवा वर्ग में एक प्रेरणा का संचार करता है। अपने मधुर व्यवहार, कार्य कुशलता, नैतृत्व क्षमता एवं लगन के बलबूते आज आप बेंगलूरु की सुप्रसिद्ध हस्तियों में से एक हैं। आपने 1991 में रियल एस्टेट व्यवसाय में ले-आऊट के माध्यम से प्रवेश किया। उसमें प्रगति करते हुए सन् 2004 से बलदोटा बिल्डर्स एंड डेवलपर्स फर्म की स्थापना करके रेजिडेंशियल अपार्टमेंट कंस्ट्रक्शन प्रारंभ कर दिया। आपके द्वारा बेंगलूरु में अनेक बड़े बड़े अपार्टमेंट्स का निर्माण किया जा चुका है और कई प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी एम.सी. बलदोटा सुविख्यात ‘Treamis World School’ के Founder Executive Director है। आपका शिक्षा के प्रति प्रेम जगजाहिर है। इसी शिक्षा प्रेम की वजह से बचपन से ही सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी रहे माणिकचंदजी बलदोटा ने अपने विदेशों में प्रवासी भारतीय मित्रों के साथ मिलकर विश्व स्तरीय शिक्षा संस्थान ‘Treamis World School’ की वर्ष 2007 में स्थापना की। बेंगलूरु के आईटी हब इलेक्ट्रोनिक सिटी में स्थित ‘ट्रीमस वर्ल्ड स्कूल’ में वर्तमान में 1000 से भी अधिक विद्यार्थी है जो CBSE, IGCSE एवं IB Curriculum कोर्स के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण बहुआयामी आधुनिकतम शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आपका यह सराहनीय योगदान है। आपने वर्ष 2007 में ही MRS Jewellers के नाम से Wholesale Jewellery Business प्रारंभ किया जो वर्तमान में एवेन्यू रोड़ स्थित रंगनाथा मेन्शन में सुचारू रूप से गतिमान है। आपको बचपन से ही अपने माता पिता के साथ ही अपने से बड़े चारों भाई भीकमचंदजी, मीठालालजी, मोहनलालजी एवं मदनलालजी का पूरा स्नेह प्राप्त हुआ। आपके बहन बहनोई शांतिदेवी माणिकचंदजी नाहर चित्रदुर्गा आपको अपने प्राणों की तरह चाहते हैं। आपके कर्नाटक सरकार के मंत्रियों एवं राजनेताओं से विशेष आत्मीयता है। साथ ही पुलिस विभाग के एवं प्रमुख आयकर अधिकारियों के साथ परिवार की तरह मैत्री पूर्ण संबंध है। अपने पैतृक ग्राम सिरिवारी एवं ग्रामवासियों से आपको बहुत लगाव है और आप उन से निरंतर संपर्क बनाए रखते हैं। दृढ़ संकल्प, आत्म विश्वास, संघर्षशील व्यक्तित्व एवं अद्भुत निर्णय क्षमता के धनी, शून्य से सफलता के शिखर पर पहुंचे एम.सी. बलदोटा अपनी सफलता का श्रेय गुरूदेव आचार्य श्री तुलसी, आचार्य महाप्रन, इस वर्ष बेंगलूरु में चातुर्मासार्थ विराजमान आचार्य महाश्रमणजी एवं अपने माता पिता के आशीर्वाद तथा परिवारजनों और आत्मीय मित्रों के स्नेह को देते हैं।

एम.सी. बलयोटा ने सिरियारी स्थित आचार्य श्री भिक्षु राजकीय उच्च माध्यममिक विद्यालय सिरियारी के भूमिपूजन के लाभार्थी होने के साथ ही उसके निर्माण में विशेष योगदान के सहभागी बनकर राजस्थान सरकार को विद्यालय सुपुर्व कर दिया। आप समय समय पर विद्यालय को सुचारू रूप से संचालन में अपना योगदान देते रहते हैं। हाल ही में आपने विद्यालय का मुख्य द्वार का भी निर्माण करवाया। जिसका उद्घाटन आपने सिरियारी मूल के होसपेट कर्नाटक निवासी जीतो एपेक्स के पूर्व चेयरमेन नरेन्द्रकुमारजी चित्राजी बलदोटा के कर कमलों से करवाया। उस अवसर पर सिरियारी के ठाकुर साहब दिलीपसिंहजी एवं ठाकुर साहब मल्लिनाच सिंहजी तथा प्रिंसीपल जगदीशचन्द्रजी की गरिमामय उपस्थिति रही।\

‘अनमोल रत्न’ है एम.सी. बलदोटा

हमेशा प्रसन्न मुद्रा में रहने वाले युवा जगत की शान, उदार हृदय के धनी जैन समय के ‘अनमोल रत्न’ माणिकचंदजी बलदोटा की रग-रग में जैन धर्म की प्रभावना की प्रबलतम भावना है। इसी भावना से आप जैन समय के विश्व व्यापी धर्मप्रचार अभियान को गति देने हेतु जैन समय के स्तंभ सहयोगी बने हैं। आपका मानना है कि जैन धर्म का पूरे विश्व में विशाल स्तर पर प्रचार प्रसार होना चाहिये। ‘जैन समय’ के विश्वव्यापी स्तर पर जैनत्व के प्रचार प्रसार एवं समग्र जैन समाज को एक दूसरे के साथ जोड़ने के लक्ष्य से आप बहुत प्रभावित हुये। और हमारे स्तंभ सहयोगी बने। जैन समय के स्तम्भ सहयोगी बनकर आपने हमारे उत्साह को अनेक गुणा बढ़ाया है। आपके उदार सहयोग से जैन समय द्वारा सकल जैन समाज को नई Connectivity, Worldwide Unity एवं Information के महाअभियान को बड़ी शक्ति मिलेगी। हम आपके पूरे परिवार के लिये आरोग्यमय, धर्ममय, सर्व सुखमय जीवन की यशस्वी मंगलकामनायें करते हुए शत शत आभार प्रदर्शित करते हैं।