राजस्थान में महनसर जिला चुरु निवासी धर्मनिष्ठ श्री फतेहचन्दजी – श्रीमती धन्नीदेवी श्रीमाल के पुत्र – पुत्रवधु श्री महेन्द्रजी – सरलाजी श्रीमाल,
श्रीमती घेवरीदेवी – स्व. रायचन्दजी भंसाली ( टमकोर, जिला झूंझनू ) के सुपुत्री जंवाई है।
उदारमना सरल हृदय मधुरभाषी मिलनसार संत सेवा में अग्रणी श्री महेन्द्रजी – श्रीमती सरलाजी श्रीमाल की जैन धर्म पर प्रगाढ़ श्रद्धा है और आप
समाज हित के हर कार्य में सहयोग देने में अग्रणी हैं ।
👉 आप जैन विश्व भारती, लाडनूँ के ट्रस्टी हैं।
👉 अर्हं भवन, विजयनगर बेंगलोर के ट्रस्टी हैं।
👉 अणुव्रत समिति, बेंगलोर के कार्यकारिणी सदस्य हैं।
👉 आप जैन धर्म के विष्वव्यापी प्रचार प्रसार हेतु कार्यरत ‘जैन समय’ के स्तंभ सहयोगी हैं।
आप बेंगलोर में इलेक्ट्रिकल्स व्यवसायियों में प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं।
श्रीमती सरलाजी श्रीमाल जैन एकता की प्रबल भावना रखने वाली अत्यंत प्रतिभाशाली महिला हैं।
‘ईटा’ में जैन समाज की सभी सम्प्रदायों की महिलाओं के सहयोग से अथक संगठित प्रयासों
द्वारा ईटा जैन महिला मंडल का गठन हुआ जो समग्र समाज में प्रेरक एवं अनुकरणीय है ।
👉 आप ईटा जैन महिला मंडल, बेंगलोर की अध्यक्ष हैं।
👉 सखी परिवार, ईटा की अध्यक्ष हैं।
👉 तेरापंथ जैन महिला मंडल, गाँधीनगर, बेंगलोर की परामर्शक हैं ।
👉 ज्ञानशाला किशनगंज, बिहार की संयोजिका हैं ।
अपनी सूझबूझ, उदारता एवं मिलनसारिता के गुणों की वजह से आप सभी को साथ जोड़कर कार्य को आगे बढ़ाने
में सिद्धहस्त हैं।
आपके सुपुत्र – सुपुत्रवधु: संदीप – सीमा एवं कुलदीप – नेहा श्रीमाल अपने दादोसा – दादीसा एवं पिताजी – माताजी के उच्च संस्कारों को अपने
जीवन में संजोये हुये हैं। आपके बेंगलोर के हृदय स्थल चिकपेट में REGENCY ELECTRICALS Pvt. Ltd एवं MAHENDRA SALES CORPORATION फर्म
है जो कि देश की प्रमुख इलेक्ट्रिकल्स इण्डस्ट्रियल प्रोडक्ट निर्माता कंपनियों के अग्रणी डीलर्स हैं।
श्री महेन्द्रजी एवं सरलाजी श्रीमाल के रोम-रोम में दीन दुःखीयों के प्रति करूणा की भावना समाई हुई है।
आपके हृदय में जैन एकता की प्रबल भावना समायी हुई है और आप जैन एकता के आयोजनों को पूरा समर्थन
देते है और चाहते हैं कि समग्र जैन समाज में संप्रदायवाद रहित एक दूसरे के साथ प्रेम, सहयोग एवं समन्वय में
निरंतर वृद्धि हो। हर कार्य समग्र जैन समाज को साथ लेकर किया जाये।
आपका मानना है कि समग्र विष्व में प्रभु महावीर के सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकांतवाद के सिद्धांतों को अपना
कर षांति स्थापित की जा सकती है। अतः जैन धर्म का पूरे विष्व में विषाल स्तर पर प्रचार प्रसार होना चाहिये।
‘जैन समय’ के विष्वव्यापी स्तर पर जैनत्व के प्रचार प्रसार एवं समग्र जैन समाज को एक दूसरे के साथ जोड़ने
के लक्ष्य से आप बहुत प्रभावित हुये। और हमारे स्तंभ सहयोगी बने।
जैन समय के स्तम्भ सहयोगी बनकर आपने हमारे उत्साह को अनेक गुणा बढ़ाया हैं। आपके उदार सहयोग से जैन
समय द्वारा सकल जैन समाज को नयी Connectivity, Worldwide Unity एवं Information के महाअभियान को
बड़ी शक्ति मिलेगी। हम आपके पूरे परिवार के लिये आरोग्यमय, धर्ममय, सर्व सुखमय जीवन की यशस्वी मंगलकामनायें करते हुये शत शत आभार प्रदर्शित करते हैं।