देव, गुरु, धर्म के प्रति श्रद्धावान थी कान्ताबाई सेठिया
राजस्थान की धन्यधरा भावी के मूल निवासी स्वर्गीय श्रेष्ठिवर्य स्व. मांगीलालजी स्व. सोहनबाई सेठिया की पुत्रवधु एवं बेंगलूरु के अग्रणी केमिकल्स व्यवसायी विजय एंड कंपनी के सुप्रसिद्ध श्रेष्ठिवर्य विजयराजजी सेठिया की धर्मपत्नी, कर्नाटका डाइज एंड केमिकल मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरणजी सेठिया एवं अजितजी सेठिया की मातृश्री कान्ताबाई सेठिया का 73 वर्ष की उम्र में 7 सितंबर को स्वर्गवास हो गया। आप देवगुरु धर्म के प्रति प्रगाढ़ श्रद्धावान, तपस्विनी रत्ना, उदार हृदय की धनी, सुश्राविका थी। सामायिक, प्रतिक्रमण, गुरु भगवंत के दर्शन प्रवचन श्रवण में आपकी विशेष रुचि थी। जीव दया एवं गौशाला में सहयोग में आप अग्रणी रहते थे एवं साधर्मिक परिवारों की उन्नति हेतु सहयोग की आपकी विशेष भावना थी। आपने अपने जीवन में अनेकों तेला तप एवं अनेकों अठाई तप आदि बड़ी तपस्याओं की आराधना की। आप अपने मधुर स्वभाव एवं अतिथि सत्कार की उच्च भावना के कारण अपने सगे संबंधियों, रिश्तेदारों एवं पास पड़ोसियों में सबके हृदय में बसे हुए थे। आपकी सोच बड़ी व्यापक थी। आप किसी की निंदा विकथा से दूर रहते थे। आप सबको अच्छी राय देते थे, इसलिए सभी आपका बहुत आदर करते थे। आपके देहावसान से सिर्फ सेठिया परिवार ही नहीं अपितु समग्र जैन समाज में एक धर्मनिष्ठ सुश्राविका की कमी हुई है। ‘जैन समय’ समाचार पत्र समूह की ओर से कान्ताबाई सेठिया को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा को शीघ्रातिशीघ्र मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं।
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