धर्म परायण, उदारमना, श्रद्धानिष्ठ श्रावक रत्न श्री जसवंतकुमारजी मांडोत
वीर भूमि मेवाड़ के मदारिया-मगरा क्षेत्र के प्रमुख व्यवसायिक नगर ‘भीम’ निवासी धर्मनिष्ठ, मिलनसार सरल स्वभावी श्री गणेशमलजी मांडोत की सुशील धर्मपत्नी मधुरभाषी श्रीमती नेनुबाई मांडोत के अंगजात श्रीमान जसवन्तकुमारजी मांडोत को मदारिया क्षेत्र के रत्न कहें तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। स्व. केसरीमलजी-जमुनाबाई मांडोत के सुपौत्र-सुपौत्रवधु ‘यथा नाम तथा गुण’ के धनी श्री जसवन्तजी-शांतादेवी मांडोत का जीवन यश कीर्ती से परिपूर्ण है। हर पक्खी को पौषध करने में तत्पर रहने वाले, सामायिक प्रतिक्रमण के अनुरागी पर्युषण पर्वाराधना हेतु स्वाध्यायी सेवा में अग्रणी 12 व्रतधारी श्रावक रत्न श्री जसवन्तकुमारजी मांडोत में बचपन से ही उनके माता-पिता ने धर्म के संस्कार कूट-कूट कर भरे हैं आपके हृदय में व्यसन मुक्ति के प्रबल प्रेरक, युग निर्माता आचार्य भगवन 1008 श्री रामलालजी म.सा. के प्रति अनन्य श्रध्दा भाव एवं समपर्ण है। आपके स्व. पिताश्री गणेशमलजी मांडोत ने हुक्मगच्छीय सप्तम् पट्टधर आचार्य श्री गणेशीलालजी म.सा. के अत्यंत निकट सानिध्य को प्राप्त किया था एवं आप अत्यंत श्रद्धानिष्ठ श्रावक गुरूदेव के अनन्य भक्त थे। आपकी धर्मनिष्द वात्सल्यमूर्ति मातृश्री नेनुबाई वयोवृद्ध उम्र में भी प्रतिदिन करीब 4-5 सामायिक आराधना करती है। आपकी धर्मपत्नी शांतादेवी साधु-साध्वी भगवंतों की निर्दोष सेवा में अग्रणी हैं। उनका मानना है कि श्रावक श्राविकाओं को साथकों की शुद्ध संयम आराधना में सहायक बनना चाहिए। श्री जसवन्तजी के दिल में बचपन से ही कुछ विशेष करने की प्रबल भावना रही है। इसलिए आप व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष प्रगति का लक्ष्य लेकर 1981 में बेंगलोर पधारे। आपका विवाह चिलेश्वर के विख्यात श्रेष्ठीवर्य श्री हीरालालजी -श्रीमती पानीबाई श्रीमाल की गुणवान सुपुत्री शान्तादेवी के साथ हुआ। आपने 1984 में पादरायनपुरा बेंगलोर में मांडोत ज्वेलर्स एण्ड बैंकर्स फर्म प्रारंभ की। इसके पश्चात आपने द्रुत गति से प्रगति की और 1993 से आपने नगरथपेट स्थित कीर्ती प्लाजा में ज्वेलरी का होलसेल व्यवसाय ‘पद्मश्री ज्वेलर्स’ के नाम से प्रारंभ किया। आपके दोनो पुत्र-पुत्र वधु दीपकजी-मोनिकाजी एवं विजयजी-सपनाजी आप ही के सुसंस्क. ारों के साथ मांडोत परिवार का नाम रोशन कर रहे हैं। सन् 2010 मे आपकी एक और फर्म अभिनंदन ज्वेलर्स प्रारंभ हुई जिसमें चाँदी के बर्तन गहनें एवं पूजा आइटम्स का होलसेल व्यवसाय गतिमान है। इस वर्ष 2017 में आपने बेंगलोर ज्वेलरी बाजार के प्रमुख स्थल सी.टी. स्ट्रीट में अपने स्वयं के भव्य व्यवसायिक बिल्डिंग में अभिनंदन ज्वेलर्स का नया शो रूम प्रारंभ किया है। ईमानदारी एवं धर्म परायणता आपकी विशेषता है। आपकी रग-रग में जैन धर्म की प्रभावना की प्रबलतम भावना है। इसी भावना से आप जैन समय के विश्व व्यापी धर्मप्रचार अभियान को गति देने हेतु जैन समय के स्तंभ सहयोगी बने हैं।
आपके ज्येष्ठ सुपुत्र युवारत्न दीपकजी मांडोत आपके उच्च संस्कारों को अपने जीवन में अपनाते हुए जन सेवा कार्यों में अग्रणी हैं। दीपकजी ‘दी होप सोशियल फाउण्डेशन’ के अग्रगण्य एवं संस्थापक सदस्य हैं। आपके सुपुत्र विजयजी मांडोत अत्यंत विनयवान एवं व्यवहार कुशल हैं। गुरू भगवंतों के प्रति प्रगाढ़ श्रद्धा है एवं ज्ञान सीखने की ललक है। दोनों भाई कंधे से कंथा मिलाकर अपने कुशल व्यवहार एवं ईमानदारी से आपके ज्वेलरी व्यवसाय को बुलंदियों पर ले जा रहे हैं। चाँदी के व्यवसाय में आपका नाम बड़ी प्रतिष्ठा के साथ लिया जाता है।
आपका मानना है कि समग्र विश्व में प्रभु महावीर के सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकांतवाद के सिद्धांतों को अपना कर शांति स्थापित की जा सकती है। अतः जैन धर्म का पूरे विश्व में विशाल स्तर पर प्रचार प्रसार होना चाहिये। ‘जैन समय’ के विश्वव्यापी स्तर पर जैनत्व के प्रचार प्रसार एवं समग्र जैन समाज को एक दूसरे के साथ जोड़ने के लक्ष्य से आप बहुत प्रभावित हुये। और हमारे स्तंभ सहयोगी बने। जैन समय के स्तम्भ सहयोगी बनकर आपने हमारे उत्साह को अनेक गुणा बढ़ाया है। आपके उदार सहयोग से जैन समय द्वारा सकल जैन समाज को नयी Connectivity, Worldwide Unity एवं Information के महाअभियान को बड़ी शक्ति मिलेगी। हम आपके पूरे परिवार के लिये आरोग्यमय, धर्ममय सर्व सुखमय जीवन की यशस्वी मंगलकामनायें करते हुये शत शत आभार प्रदर्शित करते हैं।