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जैन भजन
नवकार महामंत्र
मंगलाचरण
गुरु भक्ति का मैं हूँ दिवाना
हम संघ की शान बढ़ाएं
जब कोई नहीं आता
स्वर्ण जयंती आई है
सुन ले मनवा
श्री रामेश चालीसा
श्री नानेश चालीसा
नेमजी की लाडले
मेरे गुरुवर मेरे राम
मनवा की खिड़की खोल
किना सोना संघ है हमारा
कर दो गुरुवर ज्ञान उजाला
झूमे रे नर और नारी
इस पाप की दुनिया को छोड़कर आए तेरे द्वार
गुरुदेव तुम्हारे दर्शन की
देसाने रा राम तू किना सोना
सुन ले विनती
मुझे यू तरसाओं ना
प्रभु पार्श्व
मोरलो
चिट्टी आई है
सुबह शाम महावीर
ऊंचा अम्बर
कोई सोना चढ़ाएं
ओ जैनो रे, जागो रे
म्हारा घट मा
मैली चादर
आपका शुक्रिया
वीरा वीरा महावीर
मैनू नचलेन दे
करुणा निधान
आनंद की घडी