वीर भूमि मेवाड़ के मदारिया-मगरा क्षेत्र के सुप्रसिद्ध “बरार’ निवासी धर्मनिष्ठ, मिलनसार सरल स्वभावी स्व. श्री नैनालालजी-अंचीबाई दक के सुपुत्र डिगरीमलजी दक को मदारिया क्षेत्र के रत्न कहें तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आपका जीवन यश कीर्ती से परिपूर्ण है। बचपन से ही आपके माता-पिता ने धर्म के संस्कार कूट-कूट कर भरे हैं आपके हृदय में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी म.सा. के प्रति अनन्य श्रध्दा भाव एवं समपर्ण है। आप अत्यंत श्रद्धानिष्ठ श्रावक गुरूदेव के अनन्य भक्त हैं।
आपकी धर्मपत्नी, वात्सल्यमूर्ति कंचनबाई दक की गुरु दर्शन, प्रवचन, सामायिक आराधना में विशेष रूचि है। साधु-साध्वी भगवंतों की निर्दोष सेवा में अग्रणी हैं। आपके सुपुत्र गौतमचंदजी दक, प्रकाशजी दक भी आपके उच्च संस्कारों के साथ समाज में अपना नाम आलोकित कर रहे हैं। आपके एक और सुपुत्र दिलीपकुमारजी दक का करीब 28 वर्ष की युवा अवस्था में हृदयाघात से स्वर्गवास हो गया। स्व. दिलीपजी ने भी अपने अल्प जीवन में उम्बेर (सूरत) में अपनी अच्छी पहचान बनाई। दिलीपजी की धर्मपत्नी चंदादेवी मधुर व्यवहार के धनी हैं।
आपकी ज्येष्ठ गुणवान सुपुत्री एडवोकेट सौ. का. निकिता LLB का मंगल परिणय समारोह दि. 25 जनवरी 2019 को चि. अनिलजी गाँधी सुपुत्र श्री नाथुलालजी गाँधी के साथ सूरत में है। दिलीपजी की द्वितीय सुपुत्री निधि MBA प्रथम वर्ष एवं सुपुत्र मीत BBA प्रथम वर्ष में अध्ययन कर रहे हैं।
डिगरीमलजी दक के तृतीय सुपुत्र सुपुत्रवधु प्रकाशचंदजी-वीणादेवी दक कडोदरा चार रास्ता, सूरत में सुप्रसिद्ध आनंद सुपर स्टोर्स के मालिक हैं। प्रकाशजी की सुपुत्री भव्या एवं नव्या अपने कुल की शोभा बढ़ाने वाली है।
डिगरीमलजी दक के ज्येष्ठ सुपुत्र गौतमचंदजी दक बेंगलोर में निवास कर रहे है जिन्होंने युवा अवस्था में ही पूरे जैन समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। सारे युवा समाज को आप पर गौरव है। श्री गौतमचंदजी के दिल में बचपन से ही कुछ विशेष करने की प्रबल भावना रही है। इसलिए आप व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष प्रगति का लक्ष्य लेकर 986 में बेंगलोर में पधारे। आपने 988 में ही बेंगलोर में स्वयं का ज्वेलर्स व्यवसाय महावीर एंटरप्राईजेज फर्म नाम से संचालित कर रहे हैं जो कि कत्रिगुप्पे, बेंगलोर मैन रोड़ का बहुत ही प्रतिष्ठित गोल्ड एवं डायमंड ज्वेलरी शोरूम है। आपका विवाह ताल निवासी स्व. भंवरलालजी-श्रीमती कमलादेवी गन्ना की प्रतिभाशाली गुणवान सुपुत्री मंजुदेवी के साथ हुआ। मंजुदेवी दक कुशल वक्ता, नैतृत्व क्षमतावान अद्भुत प्रतिभा की धनी हैं। आप तेरापंथ महिला मंडल हनुमंतनगर की मंत्री हैं। तेरापंथ महिला मंडल, बेंगलोर की ज्ञानशाला सह संयोजिका हैं। संस्कार निर्माण में भी मंजुजी अग्रणी हैं।
आचार्य श्री महाश्रमणजी के सानिध्य में विराटनगर, नेपाल में वर्ष 2015 में मंजुदेवी दक को ज्ञानशाला स्नातक उपाधि से सम्मानित किया गया। गौतमचंदजी-मंजुदेवी
दक की सुपुत्रियाँ शैफाली BE, खुशी CA एवं सुपुत्र मोहत दसवीं कक्षा में अध्ययन कर रहे हैं।
मोहित दक छोटी उम्र में ही अद्भुत प्रतिभा का धनी है। वर्ष 2016 में आचार्य श्री महाश्रमणजी के सानिध्य में गुवाहाटी में राष्ट्रीय संस्कार निर्माण शिविर में मोहित दक को श्रेष्ठ शिविरार्थी के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2047 मर्यादा महोत्सव सिलिगुडी में बेंगलोर ज्ञानशाला से श्रेष्ठ ज्ञानार्थी का भी पुरस्कार एवं वर्ष 208 में चेन्नई में राष्ट्रीय सस्ंकार निमार्ण शिविर में
संस्कारी बालक” अलंकरण से सम्मानित किया गया।
श्री गौतमचंदजी दक किसी भी शुभ कार्य में बड़े से बड़ा सहयोग करने में भी बहुत अधिक विचार नहीं करते हैं। अभी इस वर्ष 2049 में बेंगलोर में होने वाले आचार्य श्री महाश्रमणजी के चातुर्मास में भी आप तुलसी महाप्रज्ञ चेतना केन्द्र, बेंगलोर के कार्यकारिणी समिति सदस्य हैं। तेरापंथ जैन सभा भवन, गॉधीनगर, तेरापंथ सभा भवन, हनुमंतनगर एवं आचार्य श्री महाश्रमण
2019 चातुर्मास समिति के भी कार्यकारिणी समिति सदस्य हैं। गौतमचंदजी दक जैन समय के भी स्तंभ सहयोगी बने हैं। चेन्नई
चातुर्मास में HBST बेंगलोर द्वारा आयोजित संघ यात्रा के भी आप मुख्य प्रायोजक बने। वर्ष 2019 चातुर्मास के लिए भी आपने विशाल सहयोग राशि की स्वीकृति क्षण मात्र में दे दी।
श्री डिगरीमलजी दक के भाई शान्तिलालजी, ख्यालीलालजी, धर्मचंदजी दक भी समाज में प्रतिष्ठा रखते हैं। आपके भुआ-भुरोसा स्व. वरजुबाई-श्री मीठालाजी मांडोत बेंगलोर भाणेज बाबुलालजी श्रीमाल, महावीरजी गुरलिया भीम, ललितकुमारजी बोहरा टाडगढ़ एवं बहन-बहनोईसा प्रेमाबाई-राजमलजी देरासरिया कालादेह, सुपुत्री- जंवाई सोनल-महेशजी श्रीमाल सूरत
आदि सगे सम्बंधियों सहित विशाल परिवार है। ईमानदारी, सरलता, धर्म परायणता एवं उदार हृदय आपकी विशेषता है।