जैन समाज के सुप्रसिद्ध दानवीर समाजसेवी एवं देश की शीर्ष फार्मा कम्पनियों में अग्रणी माइक्रो लेब्स लिमिटेड के निदेशक दिलीपजी सुराणा एवं आनंदजी सुराणा को संयुक्त रूप से परिसंपत्ति के आधार पर भारत के 100 सबसे धनवान भारतीयों की सूची में एक बार पुनः सम्मिलित होने से दुनिया भर में जैन समाज को फिर गौरवान्वित किया है। गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता के मूल्यों के साथ वैसे भी पहले से शिखर पर है। वर्ष 1973 में स्व. घेवरचंद सुराणा द्वारा स्थापित औषधि निर्माण कम्पनी माइक्रो लैब्स लि. नवीनता उच्च गुणवत्ता, पर्यावरण अनुकूल उत्पादों एवं नवीन श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित है। दिलीपजी सुराणा ने अपने अनुज आनंदजी सुराणा के साथ मिलकर अथक परिश्रम एवं दूरदर्शिता से कम्पनी को औषधि निर्माण के कई क्षेत्रों में दक्षता दिलाई है। माइक्रो लेब्स लि. का 50 से अधिक देशों से व्यापार है। फोब्र्स के अनुसार इस कंपनी को 478 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के वार्षिक राजस्व का घरेलू बाजार से लगभग 60 प्रतिशत व्यवसाय मिलता है। सरलस्वभावी एवं दूरगामी उच्च विचारों के धनी दोनों सुराणा बंधु समाज कल्याण के कार्यों एवं मानवता की भलाई के लिए उदार हृदय से सहयोग करने में अग्रणी हैं। सेवा का कोई भी क्षेत्र चाहे शिक्षा, चिकित्सा, धार्मिक, सामाजिक सदैव अग्रणी सहयोग रहा है। कुछ समय पूर्व ही कोरोना महामारी से मुकाबला करने हेतु प्रधानमंत्री राहत कोष में माइक्रो लैब्स ने 5 करोड़ रूपए की विशाल राशि का उल्लेखनीय सहयोग दिया था।
आपके सदकार्यों की लम्बी सूचि है जिसमें सुराणा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन के अंतर्गत चार काॅलेज एवं एक विद्यालय भी संचालित है। वीर भूमि राजस्थान के गोडवाड़ के बालराई मूल के घेवरचंदजी सुराणा परिवार ने सकल जैन समाज को गौरवान्वित किया है। सुराणा परिवार द्वारा अतिबेले में अपनी कुलदेवी सुसवाणी माता का भव्य धाम भी निर्मित है। ‘जैन समय’ समूह की ओर से सुराणा परिवार की गौरवमय उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई एवं यशस्वी शुभकामनाएँ।