गुरु गणेश सेवा समिती के 80 वें अन्नदान में हजारों लोगों ने पाया महाप्रसाद

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जैन समय । बेंगलूरु श्री गुरु गणेश सेवा समिती कर्नाटका द्वारा प्रति माह की अमावस्या को किए जाने वाले अन्नदान के अवसर पर चेयरमैन डॉ. गौतमचंदजी धारीवाल ने कहा कि अन्नदान को बड़ा दान माना जाता है। क्योंकि कोई भी अन्य वस्तु मनुष्य को भोजन के समान संतुष्टि नहीं देती। अन्नदान से दानकर्ता और प्राप्तकर्ता दोनों को समान रूप से खुशी मिलती है। उन्होंने कहा कि तीर्थंकरों के पावन संदेश एवं गुरु भगवंतों की प्रेरणादाई वाणी का दुनिया में कहीं भी जैन धर्मावलम्बी हो, वह हर संभव दान धर्म करता ही है। जैन संतों की प्रेरणा से श्री गुरु गणेश सेवा समिति यहां मैसूर बैंक सर्कल के समीप अनेक वर्षों से प्रत्येक अमावस्या पर हजारों लोगों के लिए अन्नदान आयोजित करती है। 80 वां अन्नदान कार्यक्रम में करीब 4500 से 5000 लोगों ने महाप्रसाद प्राप्त किया। समिती के सेवाभावी अध्यक्ष किरणचंदजी बोहरा ने इस अवसर पर कहा कि अन्न को ब्रह्म का स्वरूप माना गया है। अन्नदान की महत्ता को एक भारतीय से ज्यादा और कोई नहीं समझ सकता। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष मनोहरलालजी बाफना, उपाध्यक्ष अशोकचंदजी कोठारी, महामंत्री उगमराजजी चोपड़ा, सहमंत्री महेंद्रजी मेहता, मार्गदर्शक प्रकाशचंदजी ओस्तवाल, प्रकाशचंदजी बाफना, उत्तमचंदजी मुथा, अनिलजी बाफना, विनोदजी गुलेछा, विनोदजी चौरड़िया, आशीषजी बाफना, रमेशजी चोपड़ा, महावीरजी धारीवाल, कमलेशजी खारीवाल, महावीरजी लुंकड़, रतनजी सिंघी, सुरेशजी कातरेला, देवराजजी कोठारी, मंजूनाथजी राव, अनिलजी पोकरणा ने सेवाकार्य में अपना योगदान दिया।