जैन समय । बेंगलूरु | श्री वर्धमान स्थानकासी जैन श्रावक संघ हनुमंतनगर के तत्वावधान में एवं साध्वी श्री धर्मप्रभाजी म.सा., स्नेहप्रभाजी म.सा. के सानिध्य में 23 वें तीर्थकर पुरुषादानी, प्रभु पार्श्वनाथ का कल्याणकारी जाप अनुष्ठान प्रातः 9 से 10 बजे तक हनुमंतनगर स्थित मरुधर केसरी दरबार में आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थित रहकर श्रद्धा भक्ति के साथ इस जाप कार्यक्रम में भाग लिया। श्राविकाओं ने केसरिया साड़ी एवं श्रावकों ने सफेद पोशाक, पहनकर जाप में उपस्थित हुए। धर्मप्रभाजी म. सा., स्नेहप्रभाजी म.सा. ने श्रद्धालुओं को तीर्थकर प्रभु पार्श्वनाथ का अनेक बीज मंत्रों युक्त महामंगलकारी जाप साधना विधिवत संपन्न कराया। साध्वी श्री धर्मप्रभाजी ने बताया कि पार्श्वनाथ प्रभु ने तापस कमठ द्वारा किये जा रहे यज्ञ में अग्नि में एक काष्ठ में जल रहे नाग-नागिन के जोड़ों को बाहर निकाल कर बचाया और उन्हें जीवनांत में नवकार महामंत्र सुनाया। वे देवगति में धरणेन्द्र देव, पद्मावती देवी बने। इस अवसर पर मरुधर केसरी गुरु जैन सेवा समिति के अध्यक्ष तगतराजजी बाफना, महिला शाखा अध्यक्ष सरलाजी दुग्गड़, नीतूजी बाफना, सुनीताजी बलघट, बबिताजी श्रीश्रीमाल, जैन कॉन्फ्रेंस की मार्गदर्शक रत्नीबाईजी मेहता आदि ने दर्शन किए। संचालन संघ मंत्री सुरेशजी धोका ने किया।